मुंबई में प्यार हुआ,तब जाके मुंबई से प्यार हुआ। मैं यूंही खोज रही थी जिंदगी के मायने,शराब में….पैमानों में।उसने हंस कर जब मुझे गले लगाया,फिर वो ही जिंदगी मेरा यार हुआ। मुंबई में प्यार हुआ,तब जाके मुंबई से प्यार हुआ। खलील जिब्रान की एक आधी पढ़ी किताब,पड़ी रह गाई मेरी अलमारी में।के अब और क्या… Continue reading मुंबई