मुंबई

मुंबई में प्यार हुआ,तब जाके मुंबई से प्यार हुआ। मैं यूंही खोज रही थी जिंदगी के मायने,शराब में….पैमानों में।उसने हंस कर जब मुझे गले लगाया,फिर वो ही जिंदगी मेरा यार हुआ। मुंबई में प्यार हुआ,तब जाके मुंबई से प्यार हुआ। खलील जिब्रान की एक आधी पढ़ी किताब,पड़ी रह गाई मेरी अलमारी में।के अब और क्या… Continue reading मुंबई

आज कल

तुझे अंग्रेजी नहीं पसंदतो कुछ हिंदी में लिखती हूंये क्या सब बोल रहे हैंकि आज कलबस तेरी बाहों में दिखती हूं। तेरा हाथ और मेरा माथाक्या एक सांचे के दो हिस्से हैंये क्या सब बोल रहे हैंकि आज कलमेरे लबों पे बस तेरे ही किस्से हैं। तू कैसे सोया है सोफे परहर सुबह तेरे बदन… Continue reading आज कल

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